बिहार में लगातार विकास की गति को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि जल्द ही बिहार एक विकसित राज्य में परिवर्तित होने वाला है। इसी कड़ी में बिहार में निरंतर एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है, जिससे साफ तौर पर पता चलता है कि बिहार विकास की गति तेजी से हो रही है। फिलहाल अभी बात करें तो बिहार में चार ऐसे एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। जो राज्य के 38 जिले में से 28 जिले होकर गुजरेगा इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से न ही सिर्फ विकास बल्कि दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले मजदूरों को रोजगार भी मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे से है बड़े शहर से लेकर छोटे गांवों का भी कनेक्टिविटी को मजबूत करने का योजना बनाया जा रहा है।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाले इस एक्सप्रेस-वे को राज्य के 10 जिलों से जोड़ा गया है। राज्य के 10 जिलों के रूट से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे को केंद्र सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है। इस एक्सप्रेस वे को बनाने की दिशा में पथ निर्माण विभाग की ओर से भी इसे अमलीजामा पहनाने का सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे सबसे पहले गोपालगंज से प्रवेश करते हुए बिहार के सिवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे से ना सिर्फ राज्य के रास्ते सुगम होंगे, बल्कि व्यापार एवं रोजगार के भी नए-नए आयाम खुलेंगे। बता दें इस एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीन फील्ड होगा। खास बात यह है कि किसी पुरानी सड़क को इस एक्सप्रेस-वे में शामिल नहीं किया जाएगा, जिसके मद्देनजर इस पर बारीकी से कार्य करते हुए बदलते बिहार की तस्वीर गढ़ी जाएगी।
बिहार में बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे नेपाल सीमा पर स्थित राज्य के रक्सौल से हल्दिया तक 6 से 8 लेन में तैयार किया जाएगा। बता दे रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अगले साल से शुरू हो जाएगा और यह करीब 695 किलोमीटर लंबा होगा। साल 2024-25 तक तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर कुल 54000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। ये एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड होगा। यह बिहार के 9 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुज़फ़्फ़रपुर, सारण, पटना, बिहार शरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका जिला शामिल है। बिहार के साथ-साथ झारखंड के भी कुछ जिले है, जो इस एक्सप्रेस-वे का हिस्सा बनेंगे जिसमें सरैयाहाट, नोनीहाट, दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट से होकर गुजरेगा।
बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाएगा, जो बक्सर से भागलपुर तक बनेगा। फिलहाल बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को भागलपुर से जोड़ा जाएगा, जिसकी कुल लंबाई 350 किलोमीटर बताई जा रही है। बता दे इस एक्सप्रेस वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी फूलों से भी होगा, जिससे राज्य की सड़क संपर्कता में बढ़ोतरी आएगी।
बिहार में बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे नेपाल सीमा पर स्थित राज्य के रक्सौल से हल्दिया तक 6 से 8 लेन में तैयार किया जाएगा। बता दे रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अगले साल से शुरू हो जाएगा और यह करीब 695 किलोमीटर लंबा होगा। साल 2024-25 तक तैयार होने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर कुल 54000 करोड रुपए खर्च किए जाएंगे। ये एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड होगा। यह बिहार के 9 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुज़फ़्फ़रपुर, सारण, पटना, बिहार शरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका जिला शामिल है। बिहार के साथ-साथ झारखंड के भी कुछ जिले है, जो इस एक्सप्रेस-वे का हिस्सा बनेंगे जिसमें सरैयाहाट, नोनीहाट, दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट से होकर गुजरेगा।