होमUncategorizedबिहार में कौड़ी के भाव बिक रहे ये सब्जी, किसानों को नहीं...

बिहार में कौड़ी के भाव बिक रहे ये सब्जी, किसानों को नहीं हो रहा है मुनाफा

बिहार में अच्छी पैदावार के वजह से देश भर में प्रसिद्ध है. लेकिन अभी ऐसा समय आ गया है कि हरी मिर्च कौड़ी के भाव बिक रही है. यह खबर कटिहार जिले की है. बता दें, कटिहार के फलका प्रखंड में केला के फसल में पनापा बिल्ट बीमारी लगने से प्रखंड के किसान केले की खेती छोड़ नगदी फसल के तौर पर मिर्च का खेती के तरफ रुझान दिया था. पर इस वर्ष मिर्च का फसल कौड़ी के भाव बिकने से किसान हताश व परेशान है. दरअसल इसका अंदाजा आप खुद भी लगा सकते हैं क्योंकि, एक एकड़ मिर्च का फसल लगाने में किसान को पचास से 60 हजार लागत लग जाती है.

बाजार भाव को लेकर किसानों की बढ़ी चिंता
इस बार 12 से 16 रुपये प्रति किलो के भाव बिकने से किसानों को लागत पूंजी से एक तिहाई ही राशि उठ रहा है. जिससे किसान परेशान है. जबकि पहले मिर्च के फसल बेचने पर लागत से दो गुना रुपया किसानों को मिल जाता था. जिसको लेकर अधिक किसानों का इस बार मिर्च के खेती के तरफ झुकाव था. लेकिन मिर्च सस्ते भाव बिकने से किसानों का कमर ही टूट गया है. जबकि मिर्च तोड़वाने में मजदूरों प्रतिकिलों पांच रुपया देना पड़ता है. यही कारण है कि क्षेत्र के अधिकतर किसान खेत में ही मिर्च का बर्बाद होने छोड़ दिया है.

जानें क्या कहते है किसान
फलका प्रखंड के किसान आसिफ अकबाल इनसुल मासूम अली, जहांगीर आलम, बंटू शर्मा, बिनोद मंडल, लक्षमण मंडल, प्रदीप प्रभा ने बताया कि इस बार मिर्च की खेती जी का जंजाल बन गया है. मिर्च सस्ते भाव में बिकने से एक एकड़ में दस हजार रुपया भी नहीं मिल रहा है. जबकि एक एकड़ मिर्च लगाने में चालीस से पहचास हजार रुपये लागत लगता है. बैंक से किसान लोन लेकर एवं कर्ज लेकर हमलोग मिर्च की खेती किया था. पर मिर्च के कौड़ी के भाव बिकने से अगला रवि फसल कैसे लगाया जायेगा.

किसानों को नहीं मिल रही लागत की राशि
यह चिंता हमलोगों को सता रही है. मिर्च को तोड़वाने में मजदूर प्रति किलो पांच रुपये देना पड़ता है. यही कारण है सस्ते भाव के कारण खेत में मिर्च को बर्बाद होने छोड़ दिये. जबकि मिर्च व्यपारियों का कहना है कि साहेबगंज व भागलपुर क्षेत्र से अधिक मात्रा मिर्च आने से इस क्षेत्र के मिर्च का भाव घट गया है. बहरहाल किसानों मिर्च के खेती पर आस जगा था. उसे बेच कर बैंक कर्ज व अगला रवि फसल लगाया जायेगा. इस क्षेत्र के किसानों का अरमान पर पानी फिर गया.

 

Most Popular