वर्तमान में तकनीकी एवं औधोगिक क्षेत्र के प्रति छात्रों क रुझानों को देखते हुए बिहार के सभी विश्व विद्यालयों को अपडेट किया जाएगा। राज्य क सभी कॉलेजों में इंडस्ट्री से जुडी पढ़ाई को शुरू किया जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी विश्व विद्यालयों को तैयार किया जाएगा। युवाओं की रुझान को देखते हुए विश्व विद्यालयों में टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और आइटी इंडस्ट्रीज से जुड़े कोर्स डिजाइन किये जा रहे हैं, ताकि बिहार के औद्योगिक क्षेत्र में प्रशिक्षित और तकनीकी तौर पर सक्षम युवा मिल सकेंगे।
राज्य में उधोग को मिलेगा बढ़ावा
परिषद का मानना है कि इस तरह की कवायद से संबंधित विषयों में उद्योग जगत की मदद भी मिल सकेगी। बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के शीर्ष पदाधिकारियों ने बैठक कर हाल ही में व्यापक विचार-मंथन किया। बैठक में राज्य में उद्योगों से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए ‘नीड एसेसमेंट’ कराने की बात कही गयी, ताकि विश्वविद्यालयों काे इस संबंध में प्रोत्साहित किया जा सके। परियोजना के शिक्षण विशेषज्ञ डॉ गौरव सिक्का ने इस संबंध में अपनी विशेष राय रखी।
बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नैक एक्सपर्ट के रूप में आमंत्रित किये गये चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक डॉ राणा सिंह से आग्रह किया गया कि वह नैक एक्रिडेशन, एनआइआरएफ आदि रैंकिंग में अपनी विशेषज्ञीय सलाह और सहायता दें।
इन्क्यूबेशन सेंटर का होगा स्थापना
मिली जानकारी के अनुसार बिहार के कुछ विश्वविद्यालयों में ‘इन्क्यूबेशन’ सेंटर की स्थापना के लिए ‘इनोवेशन काउंसिल’ की स्थापना राज्य स्तर पर किये जाने की जरूरत है। इन्क्यूबेशन सेंटर उन संस्थानों को कहा जाता है, जो किसी नये संस्थान को मेंटरशिप, ट्रेनिंग, लीगल सपोर्ट, एंटरप्रेन्योरशिप आदि में सहायता करते हैं।