देश में सड़क मार्ग से लेकर कई शहरों के नाम बदले गए हैं. अभी कुछ ही दिनों पहले राजपथ का नाम बदला गया जो काफी चर्चे में भी है. बता दें, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राजपथ ब्रिटिश राज के लिए था, जिनके लिए भारत के लोग गुलाम थे. राजपथ की भावना और संरचना गुलामी का प्रतीक थी. अब इसका आर्किटैक्चर और आत्मा बदली है. इसे देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके जीतन राम मांझी ने पीएम मोदी से बड़ी मांग कर दी है. उन्होंने कहा सेंट्रल विस्टा का भी नाम बदलनी चाहिए.
सेंट्रल विस्टा का नाम बदलने की मांग
बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने मंगलवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के संसद से जुड़ी एक बड़ी मांग कर दी है. उन्होंने कहा की सेंट्रल विस्टा का नाम बदला जाना चाहिए क्योंकि यह गुलामी का प्रतीक लगता है.
जीतन राम मांझी ने किया ट्वीट
पूर्व सीएम ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए लिखा है कि देश के वर्तमान हालात एवं जन भावना को देखते हुए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह करता हूं कि “सेंट्रल विस्टा” का नाम बदलकर “बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर परिसर” किया जाए. उन्होंने कहा की “सेंट्रल विस्टा” नाम गुलामी का प्रतीक लगता है जबकि “अंबेडकर” शब्द भारत के कण-कण में विराजमान है.
देश के वर्तमान हालात एवं जनभावना को देखते हुए मैं माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी से आग्रह करता हूं कि “सेंट्रल विस्टा” का नाम बदलकर “बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर परिसर” किया जाए।
“सेंट्रल विस्टा”नाम गुलामी का प्रतिक लगता है जबकि “अंबेडकर” शब्द भारत के कण-कण में विराजमान है।— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) September 13, 2022
पिछले कुछ वर्षों में कई नाम बदले गए
देश में पिछले कुछ वर्षों में सड़कों, शहरों, रेलवे स्टेशन एवं कई संस्थानों के नाम बदले गए हैं. इसके साथ ही सरकार के कई विभाग एवं आयोग के नाम में भी बदलाव किया गया है. वहीं अब देश के नए संसद भवन को सेंट्रल विस्टा का नाम दिया गया है. जो की अंग्रेजी के शब्दों से बना हुआ है. इसका भारतीय नाम रखने के लिए कई लोगों ने मांग की थी. इसी में अब एक और नाम जीतन राम मांझी का भी जुड़ गया है.
नहीं आई कोई प्रतिक्रिया
जीतन राम मांझी द्वारा भीम राम अंबेडकर के नाम पर संसद भवन का नाम करने की मांग को लेकर हालांकि अभी तक किसी तरह की कहीं से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. अब यह देखना है कि भाजपा नेता या मंत्री कब तक इस मांग पर अपनी कोई प्रतिक्रिया देते हैं.