बिहार को लगातार विकसित करने की योजना पर कार्य जारी है। राज्य के गाँव अब शहर के रूप में विकसित हो रहा है। इसका रूप बदलने के लिए लगातार योजनाओ पर काम चल रही है। गाँव के लोगों को शहर जैसी पूरी व्यवस्था मिलेगी। इसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही गांवों की विकास की योजनाएं धरातल पर उतारने की कवायद तेज है। यदि यह योजनाएं पूरी तरह से धरातल पर उतरेगा तो निश्चित ही गांव भी शहर की तरह दिखेगा, क्योंकि सरकार की कई योजनाओं से शहर की सुविधाएं व व्यवस्थाएं अब गांवों में भी लागू होंगी।
गांवों के सभी वार्ड में 10-10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगेगी
बता दे कि गांवों का समुचित विकास करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार समय-समय पर कई योजनाएं चलाती रहती हैं। इन योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना। मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत गांव के लोगों की रात अब अंधेरे की बजाय उजाले में गुजरेगी। योजना के तहत गांवों के हरेक वार्ड में 10-10 सोलर स्ट्रीट लाइट लगायी जायेगी। ऐसे में स्ट्रीट लाइट लगने के बाद से गांव के लोगों को काफी फायदा होगा।
चबूतरा व फुटपाथ का भी निर्माण होगा
इसके साथ ही गाँव के तालाब के चारों ओर फुल-पत्ती आदि पौधे का रोपण होगा। वहीं चबूतरा व फुटपाथ का भी निर्माण होगा। ताकि तालाब को देखने में काफी आकर्षक लगे और फुटपाथ पर सुबह शाम लोगों को टहलने में भी सहूलियत मिले। वहीं इसके अलावा आने वाले दिनों एक ऐसा हॉल बनाया जायेगा। जहां गांव के लोग शादी भी कर सकते हैं। इसमें हॉल, सामुदायिक शौचालय संग अन्य व्यवस्थाएं शामिल रहेगी।
सामुदायिक स्तर पर कूड़े की डंपिंग का निर्माण होगा
दरअसल, शहर की तरह अब गांव में भी लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत कचरा प्रबंधन का कार्य होगा। प्रत्येक पंचायत में सभी घरों को जिला प्रशासन एक हरा एवं एक नीला डस्टबिन उपलब्ध करायेगा, जो क्रमशः सूखे व गीले कचरे के लिए होंगे। साथ ही, सामुदायिक उपयोग के लिए एक बड़ा डस्टबिन उपलब्ध कराया जायेगा, जहां सामुदायिक स्तर पर कूड़े की डंपिंग होगी।