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बिहार के इन शहरों में लगेगा 800 एकड़ में उद्योग, करीब 30 फूड पार्क बनाने की है तैयारी

बिहार के जिले में औद्योगिकीकरण बनाने की तैयारी बहुत पहले से चल रही है. परन्तु इस वर्ष यानी वर्ष-2023 में औद्योगिकीकरण की रफ्तार और तेज हो जायेगी. बता दें, मुजफ्फरपुर के मोतीपुर प्रखंड में चार इथेनॉल प्लांट पर काम चल रहा है. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पांड्रिक खुद प्रदेश में इथेनॉल प्लांट के निर्माण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. प्रधान सचिव ने अपने ट्विटर पेज से इथेनॉल प्लांट की जानकारी शेयर की है. यह जिले में निवेश करने वाले उद्यमियों को उत्साहित करने वाली है. उन्होंने बताया है कि प्रदेश में कई इथेनॉल प्लांट पर काम चल रहा है. मुजफ्फरपुर में कुछ इथेनॉल प्लांट जनवरी 2023 तक पूरा कर लिया जायेगा.

250 एकड़ जमीन में फूड पार्क के लिए मास्टर प्लान तैयार
मुजफ्फरपुर के साथ उन्होंने नालंदा का भी जिक्र किया है. आंकड़ों के अनुसार पहले से चार इथेनॉल प्लांट पर काम चल रहा है. बियाडा के कार्यकारी निदेशक के अनुसार, मोतीपुर में 800 एकड़ में उद्योग लगाने की योजना है. इसके साथ ही 250 एकड़ जमीन में फूड पार्क के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. कुल मिला कर फूड पार्क में 30 औद्योगिक इकाई लगाने की तैयारी है. दूसरी ओर, सोशल मीडिया पर लोगों ने इसकी सराहना की है. वहीं कई लोगों ने मेगा टेक्सटाइल पार्क को लेकर भी प्रधान सचिव से सवाल किये हैं.

ऐसे बनता है इथेनॉल
इथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है. इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. इथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है. लेकिन कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है. जानकारी के अनुसार, इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है. यहां के परिपेक्ष्य में देखा जाये, तो इथेनॉल ऊर्जा का अक्षय स्रोत है. इथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है और पर्यावरण को जीवाश्म ईंधन से होने वाले खतरों से सुरक्षित रखता है.

 

 

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