पुलिस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रयास करते आए हैं। अब देश में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि महिला कमांडो किसी राज्य पुलिस का हिस्सा बनने जा रहीं हैं। अर्ध सैनिक बलों की देखरेख में इनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। अब जल्द ही हैं बिहार के अलग-अलग पुलिस इकाइयों में तैनात होंगे।
महिला कमांडो बिहार पुलिस की उन एजेंसियों में अपना दमखम दिखाएंगी जहां तैनाती के लिए किसी भी पुलिसवालों को कड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। इनमें स्पेशल सिक्यूरिटी ग्रुप (एसएसजी) भी शामिल है। एसएसजी मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। लिहाजा यहां तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी और जवान ही प्रतिनियुक्त होते हैं। एसएसजी के अलावा महिला कमाडो की टीम आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष तौर पर गठित एटीएस में भी प्रतिनियुक्त की जाएगी। बिहार पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) का भी ये हिस्सा बनेंगी।
इन एजेंसियों में नियुक्ति के लिए बहुत कड़े प्रशिक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। ट्रेनिंग के बाद महिला कमांडो को छुट्टी पर भेजा गया था अब उन्हें वापस बुलाया जा रहा है। एसएसजी, एसटीएफ और एटीएस द्वारा इनका चयन अपनी यूनिटों में प्रतिनियुक्ति के लिए किया जाएगा।
बता दें कि कुल 92 महिला कमांडो ट्रेनिंग पूरी करके वापस आए हैं। इन महिला सिपाहियों को महाराष्ट्र के मुतखेड स्थित सीआरपीएफ की सेंट्रल ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग दिलाई गई है। तीन महीने की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें हर चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें बड़े से बड़े हमलों को नाकाम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण के साथ छोट-बड़े अत्याधुनिक हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई है।