बक्सर से दिल्ली के बीच बन रहे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से अब भागलपुर भी जुड़ जाएगा। राज्य सरकार ने बक्सर से भागलपुर के बीच नई सड़क बनाने का निर्णय लिया है। सड़क बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सहमति मिलने पर बक्सर-भागलपुर सहित चार नई सड़कों को भारतमाला फेज-दो में जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।
विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की ओर से सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्रालय के अपर सचिव को पत्र भेजा गया है। पिछले दिनों राज्य सरकार ने भारतमाला परियोजना-एक के तहत आठ सड़कों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे सहित अन्य सड़कें शामिल हैं। इसी क्रम में मंत्री नितिन नवीन ने बीते दिनों केंद्र सरकार से बिहार की कुछ और सड़कों को भारतमाला फेज-दो में शामिल करने का अनुरोध किया था।
केंद्र ने राज्य सरकार को चार और सड़कों का प्रस्ताव भेजने को कहा था। बुधवार को उच्चस्तरीय विभागीय बैठक और फिर सीएम की सहमति मिलने पर केंद्र को विधिवत प्रस्ताव भेज दिया गया। चारों को मिलाकर कुल 905 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा। चारों सड़कें कम से कम फोर लेन की होंगी। वैसे एक्सप्रेस-वे छह या आठ लेन की भी हो सकती है।
ये हैं चार सड़कें
- बक्सर- भागलपुर एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 350 किमी है। अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। विभाग का तर्क है कि चूंकि भागलपुर का सिल्क पूरी दुनिया में मशहूर है। ऐसे में अगर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से भागलपुर को जोड़ दिया जाए तो बिहार का सिल्क दूसरे राज्यों के साथ ही अन्य देशों में भी आसानी से जा सकेगा। इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी पुलों से भी होगा जिससे राज्य की सड़क सम्पर्कता में भी वृद्धि होगी।
- दूसरी सड़क नवादा-बरौनी-झंझारपुर-लदनिया हाइवे की कुल लंबाई 220 किमी है। राज्य के दक्षिण इलाके नवादा का नेपाल से सीधा सम्पर्क इस सड़क से हो जाएगा। लदनिया का बरौनी-झंझारपुर से सम्पर्क होगा। कोसी और कमला नदी से गुजरने वाली इस सड़क के बनने से इस क्षेत्र में सम्पर्कता को बढ़ावा मिलेगा।
- तीसरी सड़क मांझी-बरौली-बेतिया-बगहा-कुशीनगर हाइवे की लंबाई 215 किमी है। उत्तर व पश्चिम बिहार को जोड़ने वाली यह सड़क पर्यटकीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगी। मसलन, लौरिया, कुशीनगर, वाल्मिकीनगर व्याघ्र परियोजना सहित गन्ना औद्योगिक प्रक्षेत्र को भी इस सड़क से लाभ होगा।
- चौथी व अंतिम सड़क कहलगांव-कुरसेला-फारबिसगंज फोरलेन की कुल लंबाई 120 किमी है। कहलगांव पूर्वी बिहार का औद्योगिक हब माना जाता है। विक्रमशिला का भी इससे जुड़ाव होगा। ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से फारबिसगंज जुड़ा है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट जोगबनी से भी इसका जुड़ाव हो जाएगा। इस सड़क से न केवल बिहार बल्कि झारखंड के संथाल परगना इलाके को भी लाभ होगा। इस सड़क के लिए कहलगांव में गंगा नदी पर एक चार लेन पुल की भी जरूरत होगी। भागलपुर और साहेबगंज के बीच इस पुल का निर्माण किया जाएगा।