पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता ‘सफर’ ने कहा कि दक्षिण पश्चिम के शुष्क क्षेत्रों से आने वाली धूल ने दिल्ली को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. उसने कहा, ‘अमृतसर, पंजाब और पड़ोसी सीमावर्ती क्षेत्रों में खेतों में पराली जलनी शुरू हो गई है और इससे शहर की वायु गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है.’ सफर के अधिकारी के अनुसार, ‘शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में गिरावट आने की आशंका है. इसके बाद 27 सितंबर और 28 सितंबर को इसके मध्यम श्रेणी से खराब की श्रेणी में जाने की आशंका है.’
नासा में यूनिवर्सिटी स्पेस रिसर्च एसोसिएशन में वरिष्ठ वैज्ञानिक पवन गुप्ता ने कहा कि, अगले दो से तीन दिन में सिंधु और गंगा के मैदानी इलाकों में पीएम2.5 अधिक होने का अनुमान है. आपको बता दें राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता खराब होने के लिए बढ़ते वाहन के साथ नजदीकी राज्य हरियाणा, पंजाब में पराली जलाना भी एक कारण है, इन राज्यों की सरकार ने अपने प्रदेश में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा हैं, और जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा हुआ है, लेकिन फिर भी ज्यादातर किसान पराली जलाने से बाज नहीं आते. जिससे देश की राजधानी का वायु प्रदूषण हर साल इन्हीं दिनों में खराब हो जाता है.