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झारखण्ड मे 15 लाख लोगों के घर लगेंगे प्रीपेड मीटर, 9600 करोड़ का होगा बिजली क्षेत्र मे निवेश

झारखंड में नये सिरे से 15 लाख शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड मीटर लगाने और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार की नई योजना के तहत 9600 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव को योजना प्राधिकृत समिति ने मंजूरी दे दी है।

समिति की बैठक मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई। यह प्रस्ताव जल्द कैबिनेट में स्वीकृति के लिये लाया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले ही प्रस्ताव को अनुमोदित कर चुके हैं। प्रस्ताव के मुताबिक प्रीपेड मीटर लगाने, बिजली चोरी कम करने, अंडर ग्राउंड केबिल, एबी केबिल, ट्रांसफार्मरों पर मीटर लगाकर लाइन लॉस में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार की नई योजना आरडीएसएस (रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) में झारखंड शामिल होगा।

इस संबंध में जेबीवीएनएल की ओर से ऊर्जा मंत्रालय को जनवरी के पहले हफ्ते में ही अवगत करा दिया गया था। अब विधिवत रूप से कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

पूर्व में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, सौभाग्य के तहत राज्य में नये सब-स्टेशन, घरों में मीटर, नये ट्रांसफार्मर, नये फीडर, अंडर ग्राउंड केबिल का काम किया गया है, लेकिन राज्य के बड़े हिस्से में इन कामों को करना बाकी है। सारे काम होने के बाद 35 प्रतिशत से अधिक एटीएंडसी लॉस को 17 प्रतिशत तक किया जा सकेगा।

हर घर में 2025 तक प्री-पेड मीटर लगाने का लक्ष्य

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने बीते वर्ष अगस्त में ही हर घर में 2025 तक प्री-पेड मीटर लगाने के लक्ष्य के तहत नई योजना आरडीएसएस (रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) लांच की थी। केंद्र के सहयोग से राज्य में इस स्कीम के तहत बिजली वितरण नेटवर्क के तहत बड़े बदलाव का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

रांची, जमशेदपुर और धनबाद में लग रहे 6.5 लाख प्री-पेड मीटर के अतिरिक्त 15 लाख परिसरों में प्री-पेड मीटर लगेंगे। राज्य में 500 से 550 करोड़ की बिजली खरीद कर आपूर्ति की जा रही है, लेकिन राजस्व वसूली में 100 करोड़ से भी अधिक का अंतर देखा जा रहा है। प्री-पेड मीटर से बिजली की खरीद-बिक्री का अंतर कम किया जा सकेगा। आर्थिक स्थिति बेहतर होने पर जेबीवीएनएल ससमय डीवीसी, टीवीएनएल आदि कंपनियों को बिल का भुगतान कर सकेगा।

यह है प्रस्ताव

  • राज्य में 11 केवी क्षमता वाली 10 हजार किमी एलटी लाइन एबी केबिल में तब्दील की जानी है
  • एटीएंडसी लॉस को 35 प्रतिशत से कम कर 17 प्रतिशत पर लाने में मिलेगी मदद
  • नई बसाई जा रहीं कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन दिया जा सकेगा
  • नये ट्रांसफार्मर लगेंगे और पुराने की क्षमता बढ़ाई जायेगी
  • लंबे फीडर छोटे किय जाएंगे, ताकि ब्रेक डाउन की जानकारी जल्द मिले
  • बिजली के उपकरणों का आधुनिकीकरण किया जाएगा

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