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झारखण्ड के इन नेशनल हाइवे के नाम को बदल दिया गया है, देख लीजिये लिस्ट

हजारीबाग को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे की पुरानी पहचान समाप्त हो गई है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाईवे का नया नामांकन पिछले दिनों जारी किया है. इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सभी हाईवे पर जागरूकता के लिए बोर्ड लगाए जा रहे हैं.

इस नाम से जाने जाएंगे झारखंड में NH

नये आदेश के बाद हजारीबाग ऐतिहासिक जीटी रोड नेशनल हाईवे 2 को NH-19 के नाम से जाना जायेगा. वहीं, झारखंड के लाइफ लाइन कहे जाने वाले NH- 33 को NH-22, NH-100 को NH-522 और NH-99 को NH-22 हो गया है.

यहां जानें नये नेशनल हाईवे का नाम

पुराना NH : नया NH

NH-2 : NH-19

NH- 33 : NH-22

NH-100 : NH-522

NH-99 : NH-22

पुराने NH का रूट

NH-2: 192.26 किलोमीटर का रूट झारखंड के चौपारण से लेकर झारखंड- पश्चिम बंगाल के बॉर्डर चिरकुंडा तक है.

NH-33: हजारीबाग के बरही से रांची-जमशेदपुर और बहरागोड़ा तक है. इसकी कुल लंबाई 333.5 किलोमीटर है.

NH-99: बिहार के डोभी से झारखंड के चतरा-बालूमाथ और टंडवा तक जाती है. इसकी कुल लंबाई 106 किलोमीटर है.

NH- 100: झारखंड के चतरा से होते हुए सिमरिया-हजारीबाग-बिशुनगढ़ और बगोदर तक है. इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर है.

हजारीबाग जिले से चार राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं

नये आदेश के बाद जीटी रोड या राष्ट्रीय राजमार्ग-19 का रूट दिल्ली से होते हुए कोलकाता तक है. वहीं, NH-44 आगरा, कानपुर, अहमदाबाद, वाराणसी, मोहनिया, औरंगाबाद, डोभी (बिहार), झारखंड में बरही, बगोदर और गोविंदपुर तथा बंगाल में आसनसोल होते हुए NH- 16 कोलकाता में मिल जाता है. झारखंड में इसकी लंबाई 199 किलोमीटर है.

पुराना NH-33 और नया NH-22 का रूट

बिहार के बख्तियारपुर, बिहार शरीफ, नवादा, रजौली, झारखंड में कोडरमा, बरही, हजारीबाग, रांची, खूंटी, मुरमू, चक्रधरपुर, चाईबासा, जयंतगढ़ और ओड़िशा में परसोंरा केंडू, धारगढ़, पानीखोली, पुलिया, जयपुर, अराडी, चंदवाली, राज कोनिका तक जाता है.

पुराना NH- 100 और नया NH- 522 की स्थिति

इसकी कुल लंबाई 120 किलोमीटर ह. यह NH-19 और NH-22 को जोड़ता है. बगोदर से विष्णुगढ़, टाटीझरिया, दारू, हजारीबाग, चतरा के NH-22 को जोड़ता है. Nh-99 और नया NH- 22 की लंबाई झारखंड में 106 किलोमीटर है. यह मार्ग बिहार के डोभी से झारखंड के हंटरगंज (चतरा), चंदवारा (कोडरमा) होते हुए नेपाल के बॉर्डर तक जाता है. इस संबंध में नेशनल हाईवे के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर एसके सिंह ने बताया कि लोगों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर जागरूकता के लिए साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं. राजमार्ग का नया नाम लोगों की सहूलियत और विशेष पहचान के लिए किया गया है.

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