अब तक तो आप झारखंड में माफियाओं और नेताओं पर होती कार्यवाई को देख रहे थे. लेकिन अब सरकारी शिक्षकों के बारे में भी देखने को मिलेगा. बता दें, चतरा जिले के 763 सहायक अध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. उनके विरुद्ध मानदेय रिकवरी से लेकर प्राथमिकी तक की कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में ऐसे सहायक अध्यापकों की संचिका तैयार की जा रही है. सारे साक्ष्यों के साथ उसे जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. प्रारंभिक शिक्षा समिति का निर्णय के आलोक में कार्रवाई प्रारंभ होगी. इन अध्यापकों में कई प्रकार के दोष हैं. आधे से अधिक ऐसे हैं, जिनका शैक्षणिक प्रमाणपत्र संबंधित बोर्ड एवं यूनिवर्सिटी से संबद्ध नहीं हैं. परिणामस्वरूप उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है. 100 से 150 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की अबतक पुष्टि हो चुकी है. यह संख्या बढ़ भी सकती है. बोर्ड और यूनिवर्सिटी ने करीब 200 प्रमाणपत्रों को सत्यापन के बगैर ही वापस कर दिया है.
मानक पालन किए बिना शिक्षकों की हुई बहाली
बता दें, कुछ ऐसे भी अध्यापक हैं, जिनका चयन त्रुटिपूर्ण है. ग्राम शिक्षा समिति ने मापदंडों का पालन किए बगैर चयन कर लिया है. प्रखंड शिक्षा समिति ने भी अनुमोदित कर दिया था. इसी तरह कुछ ऐसे हैं, जो चयन के बाद आहर्ता से संबंधित शैक्षणिक प्रमाणपत्र समर्पित किए हैं. और कुछ ऐसे भी हैं, जिनका चयन इंटरमीडिएट विज्ञान या स्नातक की योग्यता के बजाय इंटरमीडिएट आर्ट्स के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर कर लिया गया है.
कुल 763 सहायक शिक्षक कार्रवाई के दायरे में
वहीं, झारखंड सरकार ने सहायक अध्यापकों के लिए नियमावली बना दिया है. नियमावली प्रभावी होने के साथ उनकी कुंडली खंगाली जा रही है. चतरा जिले में कुल पारा शिक्षकों की संख्या 3231 है. इसमें पहली से लेकर पांचवीं तक सहायक अध्यापकों की संख्या 2546 है. छट्ठी से लेकर आठवीं कक्षा तक वाले सहायक शिक्षकों की संख्या 685 है. पहली से पांचवीं तक 1915 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच हुई है. वहीं वर्ग छह से आठ तक के 553 शिक्षकों का सत्यापन हुआ है. इस प्रकार कुल मिलाकर 2468 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन हुआ है. शेष बचे 763 सहायक शिक्षक कार्रवाई के दायरे में हैं. आकलन परीक्षा में भी वह शामिल नहीं हो सकेंगे.
अभी और फर्जी प्रमाणपत्र पकड़े जाने की आशंका
इस मामले पर चतरा जिला के प्रभारी डीएसई दिनेश कुमार मिश्रा ने कहा कि कुछ शिक्षकों का प्रमाणपत्र जाली होने की पुष्टि हुई है. कुछ अब भी जांच प्रक्रिया में है. इस प्रकार की पूरी रिपोर्ट प्रभार पदाधिकारी से मांगी गई है. विभागीय आदेश के आलोक में कार्रवाई होगी.