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झारखंड में अब SDO नहीं कर सकेंगे वाहनों की चेकिंग, जानें इसकी वजह और किन्‍हें मिली इसकी जिम्‍मेदारी

झारखंड में अनुमंडल पदाधिकारियों को वाहनों की चेकिंग से संबंधित अधिकार दिए जाने को लेकर वर्ष 2018 की अधिसूचना और गजट को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से विलोपित कर दिया है। इससे अब यह तय हो गया है कि राज्य में अनुमंडलाधिकारी वाहनों की जांच नहीं करेंगे। इसे लेकर परिवहन विभाग ने अलग से अधिसूचना जारी कर दी है। बताया जाता है कि कई क्षेत्रों में एसडीओ राजस्व संग्रहण के मोर्चे पर विफल हो रहे थे। इतना ही नहीं, एसडीओ से किसी भी मसले पर रिपोर्ट लेने में परिवहन विभाग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। परिवहन विभाग ने अब संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब परिवहन पदाधिकारी ही इसके लिए जवाबदेह होंगे। यानि परिवहन अधिकारी ही वाहनों की जांच कर सकेंगे।

आदेश ताक पर, अब भी सातों दिन व 12 घंटे की ड्यूटी बजा रहे हैं पुलिसकर्मी

राज्य के थानों में पुलिस मुख्यालय का आदेश ताक पर है। अब राज्य में सिपाही से इंस्पेक्टर स्तर तक के पदाधिकारी सातों दिन व 12 घंटे की ड्यूटी बजा रहे हैं। पुलिस सुधार पर मुसहरी कमेटी की अनुशंसा के बाद राज्य में पुलिसकर्मियों के लिए तीन शिफ्ट यानी आठ-आठ घंटे की ड्यूटी व सप्ताह में एक दिन के अवकाश के संबंध में मार्च 2021 में पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों को आदेश जारी किया गया था।

पुलिस मुख्यालय के इस आदेश पर जिलों में रोस्टर बना और ट्रायल के तौर पर यह तय किया गया कि पुलिसकर्मियों-पदाधिकारियों को अवकाश के दिन भी थाने में ही रहकर छुट्टी बिताने से संबंधित निर्देश दिया गया। यह आदेश एक महीने भी नहीं चल पाया और सब कुछ पूर्व की भांति यानी वही 12 घंटे की ड्यूटी व सप्ताह के सातों दिन ड्यूटी का कानून चल पड़ा। सीनियर अधिकारी विधि-व्यवस्था का रोना रोते हैं। कहते हैं, कोरोना काल में पुलिस बल की जरूरत थी, इसके कारण सभी पुलिसकर्मियों-पदाधिकारियों का अवकाश समाप्त था। इस आदेश को फिर से लागू कराया जाएगा।

गौरतलब है कि मुसहरी कमेटी ने पुलिस सुधारों के लिए राज्यों को 49 बिंदुओं पर अनुशंसा की थी। झारखंड पुलिस में भी यह अनुशंसा कई वर्षों से फाइलों में घूम रही है। पूर्व डीजीपी डीके पांडेय ने भी अपने कार्यकाल में इससे संबंधित आदेश दिया था, लेकिन तब भी बल की कमी का हवाला देते हुए आदेश का अनुपालन नहीं हो सका था। यह अनुशंसा इसलिए की गई थी, ताकि पुलिस को काम के दौरान आराम दिया जाएगा तो उनकी कार्यक्षमता का विकास होगा और उनके कार्य में गुणवत्ता भी आएगी।

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