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झारखंड के थोक-खुदरा व्यापारियों को बड़ी राहत, प्राथमिकता पर मिलेगा कर्ज; जानें रजिस्ट्रेशन प्रोसेस

केंद्र सरकार के द्वारा व्यापारियों की वर्षों की मांग को पूरा कर दिया गया है। व्यापारियों की मांग थी कि थोक और खुदरा व्यापारियों को भी एमएसएमई में शामिल किया जाए। इस बार वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की राहत घोषणा में इन्‍हें भी फायदा पहुंचाया है। एमएसएमई देश का सबसे बड़ा वर्किंग और रोटेटिंग कैपिटल सेक्टर है। साथ ही इसमें बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन हो रहा है। केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले से राज्य के लगभग दस लाख खुदरा और थोक व्यापारियों को सीधा फायदा होगा। हालांकि रांची समेत पूरे राज्य में बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी हैं, जो अभी भी एमएसएमई की परिभाषा और इसमें रजिस्ट्रेशन के तरीके से अनजान हैं। ऐसे में झारखंड चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने इसके बारे में पूरी जानकारी दी।

व्यापारियों को मिलेगी बड़ी सुविधा

प्रवीण जैन ने बताया कि केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य के व्यापारियों में काफी उत्साह है। कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे व्यापारियों को इससे काफी राहत मिलेगी। इससे व्यापारियों को तत्काल दो बड़े फायदे होंगे। एक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत व्यापारियों को बिना सिक्योरिटी के दस लाख तक का लोन मिलेगा। वहीं दूसरा ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत एक प्रतिशत कम ब्याज की छूट पा सकेंगे।

क्या है बदलाव

चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया है। पहले व्यापार के वर्गीकरण में केवल पूंजी निवेश को आधार बनाया गया था। जबकि अब निवेश के साथ टर्नओवर को भी देखा जाएगा। अब एक करोड़ रुपये तक की पूंजी निवेश और पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले उद्यम, सूक्ष्म उद्यम यानी माइक्रो एंटरप्राइज माने जाएंगे। वहीं दस करोड़ रुपये तक की पूंजी निवेश और 50 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्यम, लघु या स्माॅल स्केल में गिना जाता है। 50 करोड़ रुपये तक की पूंजी निवेश और 250 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले उद्यम, मध्यम यानी मीडियम एंटरप्राइज होते हैं। अब उनको मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर में नहीं बांटा गया है।

कैसें करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

किसी भी व्यापार को एमएसएमई का दर्जा सरकार के द्वारा दिया जाता है। पहले इसके लिए काफी दौड़ लगानी पड़ती थी। मगर अब इसे सिंगल विंडो के जरिए सरकारी पोर्टल udyamregistration.gov.in पर करा सकते हैं। इसके लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी। रजिस्ट्रेशन के बाद वैरिफिकेशन में कुछ दिनों का वक्त लगता है। इसके बाद उद्यमी को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी हो जाता है।

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