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झारखंड के इस शहर में विकसित हो रहा है फार्मा पार्क, देखिये क्या है फार्मा पार्क और कैसी होगी सुविधाएं

झारखंड में फार्मा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए रांची के चान्हो प्रखंड में फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण पार्क विकसित किया जा रहा है। उद्योग विभाग ने फार्मा पार्क के निर्माण के लिए 35 एकड़ भूमि का चयन किया गया है। योजना के अनुसार, सरकार ने सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े फार्मा उद्योगों को आवंटन के लिए 55 भूखंडों को आरक्षित किया है। इन 55 भूखंडों में से 30 भूखंड सूक्ष्म फार्मा उद्योग के लिए, 14 भूखंड छोटी इकाइयों के लिए, सात भूखंड मध्यम इकाइयों के लिए तथा चार भूखंड बड़ी फार्मा इकाइयों के लिए आरक्षित किया है।

फार्मा पार्क में प्रशासनिक भवन, कैंटीन, यूटिलिटी सेंटर, ईटीपी, सड़क नेटवर्क, ड्रेनेज सिस्टम, पुल, स्ट्रीट लाइट सहित सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बता दें कि राज्य सरकार राज्य में फार्मा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए फार्मा पालिसी लागू करने की तैयारी कर रही है। इस नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।

फार्मा पार्क के लिए उद्योग विभाग देशभर से निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से नई फार्मा नीति के मसौदे पर भी काम कर रहा है. हाल में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट के दौरान इच्छुक निवेशकों ने पुरानी फार्मा नीति में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए प्रावधानों की कमी के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने उन्हें समाधान का आश्वासन दिया था और अधिकारियों को एक समर्पित फार्मा का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया है. नीति में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रावधान और फार्मा पार्क में चिकित्सा उपकरण निर्माताओं के लिए भूखंड आवंटन के प्रावधानों को शामिल करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है.

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में निवेश लाने और रोजगार सृजन का मार्ग प्रशस्त करने पर काम हो रहा है. सरकार निवेशकों के अनुकूल वातावरण बनाने पर काम कर रही है. हमारा प्रयास झारखंड को भारत के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है. आपको बता दें कि दिल्ली में आयोजित इन्वेस्टर्स मीट में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत दस हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुआ है. टाटा, आधुनिक, डालमिया और अन्य कंपनियों के साथ 10,000 करोड़ रुपये के निवेश पर अपनी सहमति जताते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया है.

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