पहलेजा घाट और जेपी सेतु पूल पर रेल दोहरीकरण का निर्माण काफी दिनों से चल रहा था। लेकिन अब इस सेतु के बीच का कार्य पूरा हो गया। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से रेलवे के अधिकारी द्वारा इस पर काफी बारीकी से इस पर निरीक्षण किया जा रहा था। शनिवार को रेलवे के पूर्वी परिमंडल के आयुक्त ने शनिवार को निर्माण किए गए पूल पर ट्रेनों के परिचालन की स्वीकृति दे दी है।उन्होंने कहा कि इस पुल पर 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन को परिचालित किया जा सकता है। साथ ही साथ बता दें कि पूर्वी रेलवे परिमंडल के आयुक्त लगातार दो दिनों तक इस पर निरीक्षण किया और और आखिरी दिन उन्होंने मोटर ट्रॉली द्वारा पहलेजा घाट पुल नंबर 7 से जेपी सेतु तक निरीक्षण सिया निरीक्षण के पूर्ण सहमति के बाद ही ट्रेनों के परिचालन करने की अनुमति दी।
हालांकि इसके बाद मोटर ट्रॉली से ही निरीक्षण करते हुए वापस पहलेजाघाट पहुंचे। निरीक्षण के अंतिम चरण में संरक्षा आयुक्त द्वारा विशेष ट्रेन से पहलेजाघाट से पाटलिपुत्र तक 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी हुआ। निरीक्षण के पश्चात संरक्षा आयुक्त ने रेललाइन पर 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से रेल परिचालन हेतु अनुमति दिया। इस संबंध में पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पटना के समीप गंगा नदी पर पाटलिपुत्र और पहलेजा के बीच बने रेल सह सड़क पुल के दोहरीकरण से उत्तर एवं दक्षिण बिहार के बीच ट्रेनों के परिचालन में सुगमता आयेगी।
159 करोड़ की लागत से पहलेजाघाट एवं पाटलिपुत्र के बीच दोहरीकरण कार्य किया गया है। गंगा पुल होते दोनों स्टेशनों के बीच फरवरी 2016 से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया, लेकिन 11.62 किमी तक सिंगल लाइन होने के करण मुजफ्फरपुर को गंगा पुल के रास्ते महत्वर्पूण ट्रेनें नहीं मिल सकीं। अधिकांश सवारी एवं इंटरसिटी ट्रेनें मुजफ्फरपुर एवं राजधानी पटना के विभिन्न स्टेशनों के बीच चल रही हैं।