ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल को चारों तरफ से खुला रखना होगा. पंडाल के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर रखना होगा और मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि सभी को सामाजिक दूरी (Social Distancing) के नियमों को अपनाना होगा. इसके अलावा पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की इजाजत नहीं होगी. बता दें पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा में अब करीब एक महीने का समय बचा है. ऐसे में कोविड-19 महमारी के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं और आयोजक संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय पर काम कर रहे हैं.
ज्वलंत विषयों की थीम पर पूजा पंडाल बनाने के लिए ख्याति प्राप्त दक्षिण कोलकाता के आयोजक समाजसेवी संघ ने इस बार अपने खुले पंडाल की दिशा बदलकर दक्षिणी एवेन्यू की ओर करने का फैसला किया है ताकि श्रद्धालु अपने वाहन में बैठक कर दूर से ही देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन कर सकें.
पूजा पंडाल का बजट कम कर की जाएगी गरीबों की मददपूजा संघ के सचिव अरिजीत मोइत्रा ने बताया, ‘‘ प्रतिमा के ऊपर पंडाल होगा लेकिन बाकी तीन ओर से वह खुला होगा. चिकित्सा कर्मी पंडाल के पास ही आपातकालीन किट के साथ तैनात होंगे. स्वयंसेवी, लोगों को पंडाल के प्रवेश द्वार पर भीड़ लगाने नहीं देंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस साल चीजें अलग होंगी…हमने पूजा पंडाल लगाने का बजट भी 60 लाख से कम कर 15 लाख कर दिया है. बचायी गई राशि सुंदरबन के 75 वंचित परिवारों में वितरीत की जाएगी.’’
मोहम्मद अली पार्क के एक और सबसे बड़े आयोजक ने इस साल तड़क-भड़क को छोड़ सादगी से पूजा आयोजित करने का फैसला किया है. पूजा समिति के महासचिव अशोक ओझा ने कहा, ‘‘इस बार कम प्रकाश की व्यवस्था होगी और पंडाल छोटा होगा. देवी की प्रतिमा भी इस बार आठ फुट से ऊंची नहीं होगी.’’
कोविड-19 की जांच के बाद मजदूरों ने शुरू किया काम
दक्षिण कोलकाता में आकर्षण के केंद्र में रहने वाले भवानीपुर 75 पाली पूजा पंडाल में भी तैयारियां चल रही हैं. कोविड-19 की जांच के बाद मजदूरों ने काम शुरू कर दिया है. भवानीपुर 75 पाली समिति के पदाधिकारी सुबीर दास ने कहा, ‘‘ हमारे पास सैनिटाइजर सुरंग होगी और सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जाएगी. पंडाल तक जाने वाली सड़क के दोनों ओर अवरोधक नहीं लगाए जाएंगे.’’
हालांकि, कोलकाता नगर निगम के अधिकारी देबाशीष कुमार द्वारा संरक्षण प्राप्त त्रिधारा संमिलानी ने अभी तक पूजा की योजना तैयार नहीं की. आयोजकों ने कहा कि वे इस साल उत्सव को लेकर दुविधा में हैं. कुमार ने कहा, ‘‘हमने प्रतिमा की बुकिंग कर ली है लेकिन पंडाल निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है. हम इस विचार के समर्थक नहीं हैं कि केवल कार से आने वाले ही देवी के दर्शन कर सकें. उनका क्या जो कई किलोमीटर पैदल चल पूजा पंडाल आते हैं?’
उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम फैसला 25 सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पूजा आयोजन समितियों के साथ होने वाली बैठक के बाद लिया जाएगा.’’ (भाषा के इनपुट सहित)