केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्रालय ने बिहार के पटना, गया सहित अन्य जिलों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग देकर एक नई सौगात दी है । इसमें बाईपास का नाम भारत माला इकोनॉमिकल कोरिडोर है। इसकी शुरुआत गया जिले के आमस प्रखंड क्षेत्र से होगी। जो कई जिले के विभिन्न प्रखंडों से होते हुए दरभंगा तक जाएगा। इसकी लंबाई करीब 200 किलोमीटर बताई गई है। लेकिन, गया जहानाबाद नालंदा और पटना जिले में 109 किलोमीटर इसकी लंबाई रहेगी। इन जिलों में प्रथम चरण यानी भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरू किया गया है। अभी इसका डीपीआर तैयार नहीं हुआ है इसलिए अभी प्राक्कलन की राशि स्पष्ट नहीं है। फिर एनएचआइ स्तर पर भारतमाला इकोनॉमिकल कोरिडोर बाईपास बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है।
गया पटना एनएच से भी जुड़ेगा इकोनॉमिकल कोरिडोर
एनएच एआई से मिली जानकारी के अनुसार गया जिले के आमस प्रखंड से इकोनॉमिकल कोरिडोर की शुरुआत होगी, जो गया जिले के गुरारू परैया टिकारी बेलागंज पहुंचेगा। बेलागंज में गया पटना राष्ट्रीय राजमार्ग 13 से जुड़ेगा। इसके बाद राम नगर होते हुए नालंदा जाएगा। बताया जाता है कि इन प्रखंडों में सबसे ज्यादा 57 गांव गया जिले की परिधि में आता है। उसके बाद जहानाबाद में नालंदा में चार और पटना में 12 गांव शामिल है।
भू-मालिक मुआवजा के लिए कर सकते हैं दावा
107 गांव में भूमि अधिग्रहण करने का कार्य शुरू हो गया है। भूमि अधिग्रहण करने के लिए एनएचआई द्वारा जहानाबाद नालंदा और पटना जिले के भू अर्जन पदाधिकारी को समुचित राशि उपलब्ध करा दी गई है । इन जिलों में भूमि अधिग्रहण की देखरेख जिलाधिकारी स्वयं करें। भूस्वामी की भूमि भारतमाला इकोनामिक कॉरिडोर जा रही है। वैसे भूस्वामी अपने पूरे दस्तावेज यानी जमीन के कागजात के साथ संबंधित जिले के भू अर्जन कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं। किंतु स्वामियों का इस नए कॉरिडोर में जमीन ली जा रही है, इसकी सूचना भी पहले ही प्रकाशित किया जा चुका है। इसलिए भूस्वामी अपने भूमि के मुआवजा का दावा संबंधित जिले में भू-अर्जन पदाधिकारी के कार्यालय में अपना दावा कर सकते हैं।