उन्होंने कहा कि इससे पहले के नियम के अनुसार, केवल उस बेटी को मृतक अभिभावक की पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार था जो कि उनके जीवित रहने के दौरान तलाकशुदा थी. मंत्री ने कहा कि पेंशनभोगी माता-पिता की मृत्यु के बाद भी विकलांगता प्रमाण पत्र पेश करने वाले दिव्यांग बच्चे या उसके भाई-बहन को पारिवारिक पेंशन देने के आदेश जारी किए गए हैं लेकिन यह विकलांगता पेंशनभोगी माता-पिता की मृत्यु होने से पहले की होनी चाहिए. इसी तरह, दिव्यांग पेंशनभोगियों के जीवन में सुगमता लाने के लिए सहायक के लिए परिचारक भत्ता भी 4,500 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 6,700 रुपये कर दिया गया है.
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ये भी पढ़ें: अकाली दल ने तोड़ी बीजेपी से 22 साल पुरानी दोस्ती, कृषि बिल के विरोध में NDA छोड़ाजितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग द्वारा डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के संबंध में खास पहल की गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे वरिष्ठ नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेशों में बस गए हैं, उनके लिए जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन शुरू करने के संबंध में समेकित निर्देशों पर परिपत्र लाया गया है.
इसके द्वारा संबंधित बैंक की विदेश स्थित शाखाओं तथा भारतीय दूतावास/वाणिज्य दूतावास/उच्चायोग को वहीं जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने एवं पारिवारिक पेंशन शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं. सिंह ने कहा कि इसी के साथ-साथ सभी पेंशन वितरण बैंकों को उन पेंशनभोगियों के लिए उनके घर पर ही जीवन प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं जो बैंक जाने में असमर्थ हैं.