इससे पहले भारतीय किसान यूनियन द्वारा आज शाहाबाद मारकंडा के दाऊ माजरा गांव के पास दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रोड जाम किया गया. बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि इस दौरान पुलिसबल भी तैनात रहा और किसी भी तरह की हिंसक घटना का समाचार नहीं है.
फतेहाबाद में किसानों का जबर्दस्त प्रदर्शनफतेहाबाद में आज केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ हजारों की संख्या में किसान सड़कों पर उतर आए. जहां तक नजर जा रही थी, जनसैलाब दिख रहा था. जिले भर से आए हजारों किसानों, आढ़तियों ने अनाजमंडी शेड के नीचे जमा होकर लघु सचिवालय की ओर कूच किया. किसान एवं व्यापारी नेताओं ने भीड़ को संबोधित करते हुए सरकार के निर्णय की निंदा की. साथ ही तीनों अध्यादेशों को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की. किसानों का कहना था कि सरकार इन बिल को लाकर व्यापारियों और किसानों के रिश्तों को ही खत्म करना चाह रही है. किसानों को कॉरपोरेट घरानों के पास बंधुआ बनाने का प्रयास कर रही है. किसानों के प्रदर्शन की वजह से पुलिस ने वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल कर यातायात नियंत्रित किया. जाम लगा रहे प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़कों पर सरकार का पुतला जलाकर आक्रोश व्यक्त किया.
मय्यड़ में किसानों ने हिसार-दिल्ली हाईवे किया जाम
मय्यड़ में भी कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया. महज 15 मिनट के लिए रोड जाम करने से कुछ ही देर में सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. हालांकि इसके बाद किसानों ने जाम हटा लिया. बाद में किसानों ने जींद-भिवानी सड़क को जाम कर नारेबाजी की. इस दौरान किसी भी तरह की अप्रत्याशित स्थिति को काबू में करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी.
सिरसा में नेशनल हाईवे-9 पर भी जाम
केंद्र सरकार के तीन कृषि अध्यादेशों के खिलाफ सिरसा में भी किसानों ने नाराजगी जाहिर की. नेशनल हाईवे 9 पर गांव पंजुआना के पास किसानों ने रोड जाम कर कुछ देर तक वाहनों की आवाजाही रोक दी. इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने वाहन चालकों को दूसरे रूट से जाने के निर्देश दिए. किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने तीनों अध्यदेशों को वापस नही लिया तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन दोपहर 3 बजे तक चला. इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए किसान नेता जसवीर सिंह भाटी ने कहा कि सरकार के अध्यादेश से किसान और आढ़ती परेशान हैं. भाटी ने चेतावनी दी कि सरकार को किसानों की मांगें माननी ही पड़ेंगी.