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आखिर क्यों इतना धीरे हो रहा पटना मेट्रो का काम, दो साल में केवल तीन फीसद काम

भाजपा के वरिष्‍ठ नेता (BJP leader) और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Sushil Modi) ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पटना मेट्रो रेल का निर्माण करा रहे दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट (Delhi Metro Rail Project) के एमडी मंगू सिंह और डायरेक्टर दलजीत सिंह से मुलाकात की। सुशील मोदी ने बताया कि दोनों अधिकारियों के अनुसार पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य 20 हेक्टेयर जमीन की अनुपलब्धता के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है। दरअसल, पटना मेट्रो प्रोजेक्‍ट की रफ्तार काफी अधिक सुस्‍त है। मौजूदा गति से काम चला तो 10 साल में भी इस योजना के पूरी होने की उम्‍मीद नहीं दिख रही है।

2019 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था शिलान्‍यास

17 फरवरी, 2019 में प्रधानमंत्री के शिलान्यास के बाद अभी तक पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की भौतिक प्रगति 01 और वित्तीय उपलब्धि मात्र 3.1 फीसद है। वहीं, प्रायोरिटी कारिडोर आइएसबीटी से मलाही पकड़ी तक जिसमें 6.60 किमी एलिवेटेड का काम शुरू हो गया है। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के डिपो (रेल इंजन व कोच के रख-रखाव और मरम्मत की जगह) के निर्माण के लिए 20 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जमीन अधिग्रहण पर राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। डिपो निर्माण के लिए टेंडर हो चुका है, जमीन उपलब्ध होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

जमीन मिलते ही पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण कार्य होगा शुरू 13 हजार करोड़ के पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की प्रगति सुस्‍त दिल्ली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के एमडी और डायरेक्टर से सुशील मोदी की मुलाकात

गौरतलब है कि 13,365.77 करोड़ की लागत वाली 32.487 कि मी लंबी पटना मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण दो कारिडोर में होना है। पहला कारिडोर 17.933 किमी और दूसरा 14.554 किमी का क्रमश: दानापुर से मीठापुर और पटना रेलवे स्टेशन से आइएसबीटी होगा। इसके लिए जापान सरकार से 5520.93 करोड़ का ऋण भी लिया जाना है।

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