करीब छह माह से भारत-नेपाल सीमा पर चल रहे तनाव का असर रिश्ते और कारोबार पर तो पड़ा ही है, आगामी विधानसभा चुनाव को भी प्रभावित करने की साजिश सीमा पार से रची जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों के पास सूचना आई है कि कोसी-सीमांचल के इलाके में चुनाव के दौरान सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है। इसके लिए विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के स्लीपर सेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सेल कोसी-सीमांचल में समय-समय पर अपने करतूत को अंजाम देते रहे हैं।
एसएसबी के डीआईजी एसके सारंगी बताते हैं कि भारत-नेपाल के रिश्ते में खटास के बीच एसएसबी सतर्क और सजग है। सीमाई इलाकों में 24 घंटे नजर रखी जा रही है। वह बताते हैं कि नेपाल ने सीमा क्षेत्र में सेना और पुलिस की संख्या में इजाफा कर दिया है। वहां की सेना प्रोफेशनल नहीं है। वह भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाती है। यही वजह है कि अक्सर बड़ी घटनाओं के समय नेपाली सेना विफल रहती है। आगामी चुनाव के दौरान भारतीय सीमा में सुरक्षा तगड़ी होगी। लोगों की आवाजाही बढ़ेगी। उस हालात में नेपाली सेना असहज होगी। इसका फायदा नापाक इरादों वाले लोग उठा सकते हैं। खासतौर से वे लोग जो भारत-नेपाल में अच्छे रिश्ते नहीं चाहते।
बता दें कि पिछले साल भी लखनऊ आईबी के अधिकारियों द्वारा कोसी और सीमांचल के इलाकों में अलर्ट जारी किया गया था। पूर्णिया रेंज के तत्कालीन डीआईजी राजेश त्रिपाठी ने इसको को लेकर कई दिशा-निर्देश भी दिये थे। चुनाव के समय असामाजिक तत्व अक्सर सक्रिय हो जाते हैं। इन्हें कई तरह से बाहरी लोगों की मदद मिलने लगती है। बताया जाता है कि चुनाव के समय शराब भेजने और नकली नोट खपाने के अलावा आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। खास बात यह कि चीन और पाकिस्तान भी अपनी नजर नेपाल पर गड़ाए हुए है। इन्हीं कारणों से एसएसबी ने सीमाई इलाकों में जवानों और सहायक कमांडेंट की संख्या में इजाफा किया है। कई एसएसबी जवानों को डेपुटेशन पर देश के अन्य राज्यों में भेजा गया था, जिन्हें बुला लिया गया है।
नेपाल और बांग्लादेश की सीमा का इस्तेमाल
नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद तस्करों ने नया रास्ता तलाश लिया है। नेपाल से पानी टंकी होकर पश्चिम बंगाल में प्रवेश करते हैं। फिर एनएच 31 के जरिए कोसी-सीमांचल के इलाके में आ जाते हैं। यहां चेकिंग में जरा-सी चूक हुई नहीं कि उधर का माल इधर हो जाता है। जाहिर है नेपाल की खुली सीमा और 172 किमी लंबी बांग्लादेश की सीमा पर कड़ी निगाह रखनी होगी। बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ के जवान चौकस हैं। सघन निगरानी हो रही है। पश्चिम बंगाल और बिहार के बीच प्रशासनिक स्तर पर बॉर्डर मीटिंग हुई है। इसमें कई निर्णय लिये गए हैं।