निलंबित किए गए इन सदस्यों ने सभापति के आदेश के बावजूद सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया. वे और कुछ अन्य सदस्य इस दौरान सदन में विरोध जताते रहे. हंगामे की वजह से सदन का कामकाज बार बार बाधित हुआ. इन सांसदों को रविवार को सदन में किए गए हंगामे के लिए निलंबित किया गया था. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस बात के पर्याप्त दृश्य प्रमाण उपलब्ध हैं कि यदि मार्शल (राज्य सभा) उप सभापति हरिवंश जी की रक्षा नहीं करते, तो उन पर लगभग शारीरिक हमला होता.
रविशंकर प्रसाद ने कहा सरकार के पास कल स्पष्ट बहुमत था, 110 उपस्थित सदस्य कृषि बिल का समर्थन कर रहे थे और केवल 72 सांसद ही विरोध कर रहे थे. हमारे पास निर्णायक बहुमत था. उनका एजेंडा सदन (राज्य सभा) को विधेयकों को पारित करने से रोकने का था.
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राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने के दौरान रविवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे उपसभापति हरिवंश पर कागज फेंके. कुछ विपक्षी सदस्य अधिकारियों की टेबल पर खड़े नजर आए और सभापति के आसन के सामने लगा माइक भी तोड़ दिया क्योंकि उनका आरोप था कि विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने के उनके प्रस्ताव पर मत विभाजन की मांग की अनदेखी की गई.
हरसिमरत कौर के इस्तीफे पर ये बोले कानून मंत्री
वहीं रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि जहां तक शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) का सवाल है वह हमारे मंत्रिमंडल का एक विशिष्ट सदस्य रही हैं और उनके साथ इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी. यदि कानूनी रूप से संभव हो तो उन्होंने एक बिंदु उठाया. मैंने स्पष्ट किया कि केंद्र के पास संविधान के प्रावधानों के तहत शक्ति है. बता दें कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में हरसिमरत कौर ने केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.